Difference between revisions of "शारीरिक चुनौतियों से निपटना"

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पहला कदम  
 
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याद रखिये यदि  आप शारीरिक अक्षमता से जूझ रहे हैं तो भी आप, आप हीं हैं. आप जो हैं खुद को बिल्कुल वैसा हीं स्वीकार कीजिये. यदि आपके किसी प्रिय को किसी प्रकार की शारीरिक अक्षमता का सामना करना पड़ता है तो भी उन्हें उसी रूप में स्नेह दीजिये. स्थिति की उपस्थिति को नकार कर खुद को झूठा छलावा देने से कोई फायेदा नहीं. अगर अक्षमता स्थायी है तो ये मान लीजिये की यह सदा रहने वाली है.  
 
याद रखिये यदि  आप शारीरिक अक्षमता से जूझ रहे हैं तो भी आप, आप हीं हैं. आप जो हैं खुद को बिल्कुल वैसा हीं स्वीकार कीजिये. यदि आपके किसी प्रिय को किसी प्रकार की शारीरिक अक्षमता का सामना करना पड़ता है तो भी उन्हें उसी रूप में स्नेह दीजिये. स्थिति की उपस्थिति को नकार कर खुद को झूठा छलावा देने से कोई फायेदा नहीं. अगर अक्षमता स्थायी है तो ये मान लीजिये की यह सदा रहने वाली है.  
  
 
दूसरा कदम  
 
दूसरा कदम  
भविष्य की पूर्वकल्पना करें. आत्म दया या निराशा के भाव में डूब जाने की इच्छा को काबू कीजिये. आपका भावनात्मक स्वास्थ्य अक्षुण्ण रहना चाहिए.  जबतक आपमें सोचने की क्षमता है, आप चुन सकते हैं की आप कैसे सोचना चाहते हैं. जिन्दगी की अच्छी बातों पर ध्यान केन्द्रित
 
करें. शारीरिक चुनौतियों को अपने अस्तित्व का मुख्य केंद्र बन जाने की अनुमति ना दें. सिर्फ जीवित ना रहें, जिन्दगी को जियें.
 
  
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भविष्य की पूर्वकल्पना करें. आत्म दया या निराशा के भाव में डूब जाने की इच्छा को काबू कीजिये. आपका भावनात्मक स्वास्थ्य अक्षुण्ण रहना चाहिए.  जबतक आपमें सोचने की क्षमता है, आप चुन सकते हैं की आप कैसे सोचना चाहते हैं. जिन्दगी की अच्छी बातों पर ध्यान केन्द्रित करें. शारीरिक चुनौतियों को अपने अस्तित्व का मुख्य केंद्र बन जाने की अनुमति ना दें. सिर्फ जीवित ना रहें, जिन्दगी को जियें.
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तीसरा कदम
  
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सदा हँसते रहें. हंसने का अर्थ है भावनात्मक स्वास्थ्य और स्थिरता. प्रतिदिन हंसने के लिए कुछ जरुर ढूंढे.
 
सदा हँसते रहें. हंसने का अर्थ है भावनात्मक स्वास्थ्य और स्थिरता. प्रतिदिन हंसने के लिए कुछ जरुर ढूंढे.
  
  
चौथा  कदम  
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चौथा  कदम
एक मजबूत समर्थन प्रणाली बनायें. अपने रिश्तों को पोषित करें. एक फैसला लें, बेहतर बनें, कडवे नहीं. नाराज़गी और गुस्सा रिश्तों को नष्ट कर सकता है.
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अपने  आसपास के लोगों के साथ प्यार और इज्ज़त से पेश आयें.
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एक मजबूत समर्थन प्रणाली बनायें. अपने रिश्तों को पोषित करें. एक फैसला लें, बेहतर बनें, कडवे नहीं. नाराज़गी और गुस्सा रिश्तों को नष्ट कर सकता है. अपने  आसपास के लोगों के साथ प्यार और इज्ज़त से पेश आयें.
  
 
पांचवां कदम
 
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जिसका  प्रयोग कर सकते हैं कीजिये. एक बुद्धिमान व्यक्ति ने एक बार कहा था "अक्षमता नहीं, मायने रखती है तो क्षमता". शरीर का जो हिस्सा काम नहीं करता उसकी क्षतिपूर्ति के लिए उस अंग का इस्तेमाल करें जो काम करता हो.
 
जिसका  प्रयोग कर सकते हैं कीजिये. एक बुद्धिमान व्यक्ति ने एक बार कहा था "अक्षमता नहीं, मायने रखती है तो क्षमता". शरीर का जो हिस्सा काम नहीं करता उसकी क्षतिपूर्ति के लिए उस अंग का इस्तेमाल करें जो काम करता हो.
  
छठा कदम  
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शारीरिक रूप से ठीक रहने के लिए जो भी कर सकते हैं करें. स्वस्थ भोजन, पोषक तत्वों की खुराक और जितना हो सके व्यायाम पर ध्यान केन्द्रित करें. अगर आप पैरों का इस्तेमाल नहीं कर सकते लेकिन तैराकी कर सकते हैं तो स्विमिंग पूल में जरुर जाएँ ताकि पानी में आप गतिशीलता का आनंद ले सकें.
 
शारीरिक रूप से ठीक रहने के लिए जो भी कर सकते हैं करें. स्वस्थ भोजन, पोषक तत्वों की खुराक और जितना हो सके व्यायाम पर ध्यान केन्द्रित करें. अगर आप पैरों का इस्तेमाल नहीं कर सकते लेकिन तैराकी कर सकते हैं तो स्विमिंग पूल में जरुर जाएँ ताकि पानी में आप गतिशीलता का आनंद ले सकें.
  
सातवां कदम  
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प्रौद्योगिकी के विकास पर नज़र रखें. ऐसे बहुत से आविष्कार हैं जो आपकी जिन्दगी की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं, जैसे लकवाग्रस्त लोगों के द्वारा प्रयोग किया जा सकने वाला संगणक(कंप्यूटर).
 
प्रौद्योगिकी के विकास पर नज़र रखें. ऐसे बहुत से आविष्कार हैं जो आपकी जिन्दगी की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं, जैसे लकवाग्रस्त लोगों के द्वारा प्रयोग किया जा सकने वाला संगणक(कंप्यूटर).
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'''Translated in Hindi by Alokita Gupta'''

Latest revision as of 05:45, 10 February 2013

Management Tips

Dealing with physical challenges

Wheelchair.jpg

पहला कदम

याद रखिये यदि आप शारीरिक अक्षमता से जूझ रहे हैं तो भी आप, आप हीं हैं. आप जो हैं खुद को बिल्कुल वैसा हीं स्वीकार कीजिये. यदि आपके किसी प्रिय को किसी प्रकार की शारीरिक अक्षमता का सामना करना पड़ता है तो भी उन्हें उसी रूप में स्नेह दीजिये. स्थिति की उपस्थिति को नकार कर खुद को झूठा छलावा देने से कोई फायेदा नहीं. अगर अक्षमता स्थायी है तो ये मान लीजिये की यह सदा रहने वाली है.

दूसरा कदम

भविष्य की पूर्वकल्पना करें. आत्म दया या निराशा के भाव में डूब जाने की इच्छा को काबू कीजिये. आपका भावनात्मक स्वास्थ्य अक्षुण्ण रहना चाहिए. जबतक आपमें सोचने की क्षमता है, आप चुन सकते हैं की आप कैसे सोचना चाहते हैं. जिन्दगी की अच्छी बातों पर ध्यान केन्द्रित करें. शारीरिक चुनौतियों को अपने अस्तित्व का मुख्य केंद्र बन जाने की अनुमति ना दें. सिर्फ जीवित ना रहें, जिन्दगी को जियें.


तीसरा कदम

सदा हँसते रहें. हंसने का अर्थ है भावनात्मक स्वास्थ्य और स्थिरता. प्रतिदिन हंसने के लिए कुछ जरुर ढूंढे.


चौथा कदम

एक मजबूत समर्थन प्रणाली बनायें. अपने रिश्तों को पोषित करें. एक फैसला लें, बेहतर बनें, कडवे नहीं. नाराज़गी और गुस्सा रिश्तों को नष्ट कर सकता है. अपने आसपास के लोगों के साथ प्यार और इज्ज़त से पेश आयें.

पांचवां कदम

जिसका प्रयोग कर सकते हैं कीजिये. एक बुद्धिमान व्यक्ति ने एक बार कहा था "अक्षमता नहीं, मायने रखती है तो क्षमता". शरीर का जो हिस्सा काम नहीं करता उसकी क्षतिपूर्ति के लिए उस अंग का इस्तेमाल करें जो काम करता हो.

छठा कदम

शारीरिक रूप से ठीक रहने के लिए जो भी कर सकते हैं करें. स्वस्थ भोजन, पोषक तत्वों की खुराक और जितना हो सके व्यायाम पर ध्यान केन्द्रित करें. अगर आप पैरों का इस्तेमाल नहीं कर सकते लेकिन तैराकी कर सकते हैं तो स्विमिंग पूल में जरुर जाएँ ताकि पानी में आप गतिशीलता का आनंद ले सकें.

सातवां कदम

प्रौद्योगिकी के विकास पर नज़र रखें. ऐसे बहुत से आविष्कार हैं जो आपकी जिन्दगी की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं, जैसे लकवाग्रस्त लोगों के द्वारा प्रयोग किया जा सकने वाला संगणक(कंप्यूटर).

Translated in Hindi by Alokita Gupta