Difference between revisions of "व्हीलचेयर व्यायाम"
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+ | अगर आप व्हील चेयर पर काफी समय बिताते हैं तो परिणामतः आप कुछ असहज महसूस करते हैं और यह बात हर व्हील चेयर उपयोगकर्ता पर लागू होती है. व्हील चेयर में होने के बावजूद भी शरीर में जितनी हो सके गतिशीलता बनाये रखना आपके प्रतिदिन के कार्यों में शामिल होना चाहिए. शरीर की गतिशीलता बनाये रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए चाहे आपकी अक्षमता का रूप कुछ भी हो. नियमित व्यायाम गतिशीलता के साथ साथ शरीर को उर्जा और लचीलापन तो देता हीं है इसके अलावा ह्रदय तथा फेफड़ों कि मजबूती और वजन नियंत्रित रखने में भी सहायक साबित होता है. | ||
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+ | कभी भी कसरत या व्यायाम की शुरुवात हलके फुल्के व्यायामों से की जानी चाहिए और अंत भी कुछ ऐसा ही होना चाहिए. जब भी कसरत करें तो नीचे दिए गए हलके व्यायामों से शुरुवात करें और फिर धीरे-धीरे कुछ कठिन व्यायाम तक पहुँचे. | ||
+ | जब भी शरीर के उपरी हिस्से कि कसरत करें तो उसमें आपके दोनों हाथ, कंधे, गर्दन और पूरे धड़ की कसरत होनी चाहिए. हालाँकि अक्षमता के प्रकार के आधार पर हर किसी धड़ शारीरिक क्षमता अलग होती है इसलिए कसरत के बारे में चिकित्सक कि सलाह अवश्य लें. | ||
आपको स्वस्थ रखने वाले कसरतों को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है- प्रतिरोध प्रशिक्षण एवं शक्ति प्रशिक्षण. | आपको स्वस्थ रखने वाले कसरतों को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है- प्रतिरोध प्रशिक्षण एवं शक्ति प्रशिक्षण. | ||
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अपनी कसरत के प्रति एक सकारात्मक रवैया रखें तथा कसरत करते वक़्त भी अपने भीतर सकारात्मकता बनाये रखें. आपकी अक्षमता का प्रकार जो भी हो पर कोशिश करें कि आप रोजाना खुद के बनाये नियम के तहत कसरत करें. | अपनी कसरत के प्रति एक सकारात्मक रवैया रखें तथा कसरत करते वक़्त भी अपने भीतर सकारात्मकता बनाये रखें. आपकी अक्षमता का प्रकार जो भी हो पर कोशिश करें कि आप रोजाना खुद के बनाये नियम के तहत कसरत करें. | ||
− | अपने लिए सदा यथार्थवादी लक्ष्य हीं निर्धारित करें अर्थात जिन लक्ष्यों तक आप पहुँच सके और लक्ष्य तक पहुँचने पर खुद को पुरस्कृत भी करें. ऐसी कोई भी कसरत करने का प्रयास ना करें जो आपको मालूम है कि आपको नहीं करने चाहिए. शुरुवात धीमी होनी चाहिए और ध्यान अपने लक्ष्य पर हीं होना चाहिए. साधारण किन्तु सही और नियमतः किये गए कसरत भी आपको काफी फायेदे देते हैं. कसरत करने से आपके पूरे स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर तो पड़ता हीं है आपकी रोग प्रतिरोधी क्षमता का भी विकास होता है और साथ हीं साथ खून के सुचारू प्रवाह कि वजह से आप कई सारे दिमागी बिमारियों जैसे कि विक्षिप्तता (dementia) और अल्ज़ाइमर्स से भी बचे रहते हैं. कसरत करने | + | अपने लिए सदा यथार्थवादी लक्ष्य हीं निर्धारित करें अर्थात जिन लक्ष्यों तक आप पहुँच सके और लक्ष्य तक पहुँचने पर खुद को पुरस्कृत भी करें. ऐसी कोई भी कसरत करने का प्रयास ना करें जो आपको मालूम है कि आपको नहीं करने चाहिए. शुरुवात धीमी होनी चाहिए और ध्यान अपने लक्ष्य पर हीं होना चाहिए. साधारण किन्तु सही और नियमतः किये गए कसरत भी आपको काफी फायेदे देते हैं. कसरत करने से आपके पूरे स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर तो पड़ता हीं है आपकी रोग प्रतिरोधी क्षमता का भी विकास होता है और साथ हीं साथ खून के सुचारू प्रवाह कि वजह से आप कई सारे दिमागी बिमारियों जैसे कि विक्षिप्तता (dementia) और अल्ज़ाइमर्स से भी बचे रहते हैं. कसरत करने की आदत ना सिर्फ स्वयं हीं डालें बल्की आपके जो भी मित्र अक्षम हों उन्हें भी इसके लिए प्रेरित करें और उन्हें बढ़ावा देने के लिए आप जब भी इकट्ठे तो एक साथ मिलकर भी कसरत कर सकते हैं. |
'''Translated in Hindi by Alokita Gupta''' | '''Translated in Hindi by Alokita Gupta''' |
Latest revision as of 03:56, 30 June 2013
अगर आप व्हील चेयर पर काफी समय बिताते हैं तो परिणामतः आप कुछ असहज महसूस करते हैं और यह बात हर व्हील चेयर उपयोगकर्ता पर लागू होती है. व्हील चेयर में होने के बावजूद भी शरीर में जितनी हो सके गतिशीलता बनाये रखना आपके प्रतिदिन के कार्यों में शामिल होना चाहिए. शरीर की गतिशीलता बनाये रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए चाहे आपकी अक्षमता का रूप कुछ भी हो. नियमित व्यायाम गतिशीलता के साथ साथ शरीर को उर्जा और लचीलापन तो देता हीं है इसके अलावा ह्रदय तथा फेफड़ों कि मजबूती और वजन नियंत्रित रखने में भी सहायक साबित होता है.
कभी भी कसरत या व्यायाम की शुरुवात हलके फुल्के व्यायामों से की जानी चाहिए और अंत भी कुछ ऐसा ही होना चाहिए. जब भी कसरत करें तो नीचे दिए गए हलके व्यायामों से शुरुवात करें और फिर धीरे-धीरे कुछ कठिन व्यायाम तक पहुँचे. जब भी शरीर के उपरी हिस्से कि कसरत करें तो उसमें आपके दोनों हाथ, कंधे, गर्दन और पूरे धड़ की कसरत होनी चाहिए. हालाँकि अक्षमता के प्रकार के आधार पर हर किसी धड़ शारीरिक क्षमता अलग होती है इसलिए कसरत के बारे में चिकित्सक कि सलाह अवश्य लें.
आपको स्वस्थ रखने वाले कसरतों को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है- प्रतिरोध प्रशिक्षण एवं शक्ति प्रशिक्षण.
प्रतिरोध प्रशिक्षण:- प्रतिरोध प्रशिक्षण के अंतर्गत बड़े और फैलने वाले रब्बर बैंड का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें 'प्रतिरोधी बैंड' (Resistance band) कहते हैं. इस बैंड को किसी स्थिर वस्तु जैसे कि दरवाजे या अपने व्हील चेयर के साथ मजबूती से बाँध दें. इसके बाद बैंड को पहले अपनी ओर और फिर खुद से दूर दूसरी तरफ खींचे इससे आपकी मांसपेशियों की अच्छी कसरत होती है. इन रब्बर बैंड्स का इस्तेमाल कंधो को घुमाने, हाथ पैर को फैलाने या इस तरह के विभिन्न कसरतों के लिए भी किया जा सकता है.
शक्ति प्रशिक्षण:- शक्ति प्रशिक्षण के अंतर्गत मुक्त भार या डम्बबेल्स का इस्तेमाल किया जाता है. अगर आपके पास ये चीजें ना भी हो तो आप भारयुक्त किसी भी वस्तु का इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपके हाथों कि पकड़ में अच्छी तरह आ जाएँ. आपको एक से दो पौंड वजन से शुरुवात करते हुए धीरे धीरे वजन बढ़ाना चाहिए. बारह बार दोहराव करते हुए हर कसरत को तीन चरणों में करें और हर चरण के बाद कुछ पल का विश्राम भी लें. अगर आप भार उठाने का काम प्रतिदिन नहीं करना चाहते तो इसे अपने मनपसंद टेलिविज़न कार्यक्रम देखते हुए भी कर सकते हैं.
शक्ति प्रशिक्षण के फायेदे आपको अपने रोजमर्रा कि जिन्दगी में भी नज़र आयेंगे. आप अपने प्रतिदिन के काम जैसे अपनी व्हील चेयर को चला पाना, किसी वस्तु को पकड़ना उसे उठा पाना या व्हील चेयर से उतरना या चढ़ना सब कुछ ज्यादा सहजता के साथ कर पायेंगे, जिसमें सामान्यः व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं को परेशानी होती है.
अगर आपको अपनी शारीरिक स्थिति कि वजह से ऊपर दिए गए प्रतिरोध प्रशिक्षण और शक्ति प्रशिक्षण के कसरतों को करने में कोई परेशानी हो या किन्ही और कारणों से आप इन्हें ना कर सकें या फिर अतिरिक्त लाभ के लिए आप डी वी डी भी ले सकतें हैं जिसमें बैठी हुई मुद्रा में किये जाने वाले कसरतों कि जानकारी हो जो कि आपको तंदुरुस्त रख सके.
अपनी कसरत के प्रति एक सकारात्मक रवैया रखें तथा कसरत करते वक़्त भी अपने भीतर सकारात्मकता बनाये रखें. आपकी अक्षमता का प्रकार जो भी हो पर कोशिश करें कि आप रोजाना खुद के बनाये नियम के तहत कसरत करें.
अपने लिए सदा यथार्थवादी लक्ष्य हीं निर्धारित करें अर्थात जिन लक्ष्यों तक आप पहुँच सके और लक्ष्य तक पहुँचने पर खुद को पुरस्कृत भी करें. ऐसी कोई भी कसरत करने का प्रयास ना करें जो आपको मालूम है कि आपको नहीं करने चाहिए. शुरुवात धीमी होनी चाहिए और ध्यान अपने लक्ष्य पर हीं होना चाहिए. साधारण किन्तु सही और नियमतः किये गए कसरत भी आपको काफी फायेदे देते हैं. कसरत करने से आपके पूरे स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर तो पड़ता हीं है आपकी रोग प्रतिरोधी क्षमता का भी विकास होता है और साथ हीं साथ खून के सुचारू प्रवाह कि वजह से आप कई सारे दिमागी बिमारियों जैसे कि विक्षिप्तता (dementia) और अल्ज़ाइमर्स से भी बचे रहते हैं. कसरत करने की आदत ना सिर्फ स्वयं हीं डालें बल्की आपके जो भी मित्र अक्षम हों उन्हें भी इसके लिए प्रेरित करें और उन्हें बढ़ावा देने के लिए आप जब भी इकट्ठे तो एक साथ मिलकर भी कसरत कर सकते हैं.
Translated in Hindi by Alokita Gupta