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− | |Highlight_Pic= | + | |Highlight_Pic=Wheelchair_open_door.jpg |
− | |Highlight_Title= | + | |Highlight_Title=अवसाद प्रबंधन |
− | |Highlight_Desc= | + | |Highlight_Desc=अवसाद के क्षणों में हम हर काम का सबसे बुरा परिणाम हीं सोचते हैं और अगर हम किसी अक्षमता से जूझ रहे हों तो ऐसे विचार अक्सर हमारे दिलो दिमाग में विचरते रहते हैं. ऐसे क्षणों में व्यक्तित्व विरूपण के लक्षण नज़र आने लगते हैं, हम खुद से भी झूठ बोलने लगते हैं, कमियों का अतिरंजन करने लगते हैं बढ़ा चढ़ा कर सोचते हैं और यहाँ तक कि इंसान खुद के लिए अपमानजनक बातें भी सोचने लगता है. |
− | |Highlight_Link= | + | |Highlight_Link=अवसाद_प्रबंधन |
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Revision as of 21:53, 26 January 2012
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